शेर सिंह बिष्ट

शेर सिंह बिष्ट (Sher Singh Bisht)

(माताः श्रीमती उर्मिला बिष्ट, पिताः श्री नरसिंह बिष्ट)

जन्मतिथि : 10 मार्च 1953

जन्म स्थान : डुंगरा

पैतृक गाँव : डुंगरा (भनोली रंगोड़) जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 2 पुत्र

शिक्षा : एम.ए. पीएच.डी., डी.लिट.

प्राथमिक शिक्षा- ज्ञानोदय उ.मा.वि., भनोली

माध्यमिक शिक्षा- सर्वोदय इण्टर कालेज, जैंती बी.ए. (प्रथम श्रेणी) – राजकीय स्नातकोत्तर म.वि., अल्मोड़ा

एम.ए.- डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल

पीएच.डी. (1980), डी. लिट. (1988)-कुमाऊँ वि.वि., नैनीताल

जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ः कुमाऊँ वि.वि. की एम.ए. परीक्षा में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना तथा तुरन्त डी.एस.बी. कालेज, नैनीताल में प्राध्यापक पद पर नियुक्त किया जाना, 1993 में यू.जी.सी. कैरियर अवार्ड मिलना तथा 1994 में महामहिम राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने हिन्दी- कुमाउँनी-अंग्रेजी शब्दकोश का लोकार्पण किया।

प्रमुख उपलब्धियाँ : 16 पुस्तकें, अनेक शोधलेख, कविताएँ, कहानियाँ प्रकाशित. कुछेक शोध योजनाएँ पूरी कीं, 10 पीएच.डी. शोध कार्य निर्देशित.

युवाओं के नाम संदेशः उत्तरांचल के युवा कर्मठ एवं ईमानदार हैं। यदि उन्हें संगठित किया जाय और उचित दिशा-निर्देश दिया जाय तो वे उत्तरांचल के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। वे खूब पढ़ें और वैज्ञानिक सोच विकसित करें।

विशेषज्ञता : शिक्षा, शोध, भाषा-साहित्य.

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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